ये सात बातें अपने करीबियों को भी नहीं बतानी चाहिए | Gautam Buddha Ki Kahani

Buddha motivational story in hindi: एक गांव में गोलू नाम का एक नौजवान लडका रहता था। जैसा उसका नाम था वैसा ही उसका स्वभाव भी था। एकदम भोला। वो ज्यादा दिमाग नहीं लगाता था जैसा उसके घरवाले और लोग उसे बोल देते वैसा ही वो कर देता और जो उसे लगता बिना सोचे समझे लोगों के सामने वही बोल देता। गोलू के घर की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी थी। उसके पिता के पास खेती करने के लिए पर्याप्त जमीन थी, जिसमें अच्छी खासी फसल हो जाती थी। गोलू के माता पिता काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति थे, लेकिन लोग उनके इस दयालु स्वभाव का गलत फायदा उठाते थे।

ye 7 bate apne karibiyon ko bhi nhi batani chahiye

गांव के लोग अक्सर अपनी मजबूरी सुनाकर उनसे अनाज और पैसे उधार मांग लेते, लेकिन लौटाते समय आनाकानी करते और तरह तरह के बहाने बनाते। गोलू के माता पिता भी अपने शांत और दयालु स्वभाव की वजह से लोगों पर अपना उधार वापस लेने के लिए दबाव नहीं डालते थे। इस तरीके से दोस्तों, रिश्तेदारों और गांववालों के बीच उनके बहुत से पैसे उधार के रूप में फस चूके थे। इसके बावजूद अब भी अगर उनके पास कोई अपनी मजबूरी सुना कर रोने लग जाता तो वो उसे भी धन या पैसे उधार दे कर उसकी मदद कर देते।

शायद अपने माता पिता की वजह से ही गोलू का स्वभाव भी इतना बोला था। इसी बीच गोलू के माता पिता बडे धूमधाम से भोलों की शादी भी कर देते हैं। लेकिन गोलू की पत्नी स्वभाव से थोडी तेज और नाज नखरे वाली थी। इसीलिए वो अपनी मनमर्जी के खर्चे करती और अपनी बातों से घरवालों को दबा कर रखती। लेकिन गोलू अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करता था। वो उसकी हर इच्छा पूरी करता और उसे अपनी सारी बातें साझा करता। इसी तरीके से कुछ साल बीत गए।

लेकिन 1 दिन अचानक गोलू के पिता की तबियत खराब हो गई। उन्हें गांव के वैद्य के पास ले जाया गया, लेकिन गांव के वैद्य को उनकी बिमारी का पता नहीं चल पाया तो फिर उन्हें नगर के बडे बेटे के पास ले जाया गया जहाँ जाकर उन्हें पता चला कि गोलू के पिता के शरीर में करके रोक की शुरुआत हो चुकी है। वैद्य ने गोलू की माँ को बताया कि वैसे तो इस रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन क्योंकि अभी रोग की शुरुआत ही है। इसीलिए अगर सही उपचार किया जाए तो संभावना है कि रोगी को बचाया जा सकता है।

लेकिन इस उपचार में समय और धन दोनों की बडी मात्रा में जरूरत है। गोलू और गोलू के पिता को वैध के पास छोडकर उसकी माँ धन की व्यवस्था करने के लिए गांव वापस आ जाती है और वह उन सभी लोगों के घर जाती है जिन्होंने पैसे उधार दे रखे थे। उनमें से कुछ लोग तो पैसा वापस कर देते हैं लेकिन ज्यादातर लोग यहाँ वहाँ के बहाने बनाकर बात को टाल देते हैं। इसीलिए गोलू की मांग गांव के सेठ से ब्याज में पैसे लेकर शहर वापस चली आती हैं और अपने पति का इलाज शुरू करवाती है। लेकिन इलाज बहुत ही महंगा था और लंबा चल रहा था।

इसीलिए साहूकार से और ज्यादा पैसे उधार लेने की बजाय गोलू और उसकी माँ ने अपने कुछ खेत बेचने का निश्चय किया और उन्होंने अपने कुछ खेत गांव के सेठ को बेच भी दिए। लेकिन इतना लंबा इलाज करवाने के बावजूद भी गोलू के पिता की तबियत ठीक होने का नाम नहीं ले रही थी। उनके इलाज के खर्चों की वजह से लगातार गोलू के माँ के गहने और उनके खेत बिकते चले गए। अब तो उनके पास नाम मात्र के ही खेत शेष रह गई थी, लेकिन दूसरी तरफ गोलू के पिता की तबियत दिनोंदिन और भी खराब होती जा रही थी।

1 दिन जब गोलू बाजार से कुछ सामान लेकर जी के घर पहुंचा तो उसने देखा कि उसकी माँ उसके पिता का सिर अपनी गोद में रखकर ज़ोर ज़ोर से रो रही है। गोलू के पिता इस दुनिया को छोड कर जा चूके थे। उसके पिता की मौत के बाद उसकी माँ भी बहुत उदास और दुखी रहने लगी थी। साथ ही उनके परिवार में गरीबी का पहाड टूट पडा था क्योंकि जो थोडे बहुत खेत बचे भी थे उन्हें गोलू सही तरीके से संभाल नहीं पा रहा था। अब तक घर और खेत की सारी जिम्मेदारी उसके पिता ही सम्भाला करते थे।

इसीलिए किसी भी काम को ठीक से नहीं कर पा रहा था। गोलू की पत्नी जिसे मनमर्जी खर्चा करने की आदत थी, अब उसके फिजूल खर्चे भी बंद हो चूके थे। इसीलिए अब वो अपनी सास और गोलू से कुछ नहीं थी। घर में रोज़ छोटी छोटी बातों पर झगडा कर लेती, लेकिन गोलू और उसकी माँ चुपचाप उसकी बातें सुन लेती। गोलू अपने साधारण स्वभाव की वजह से अपनी सारी कमजोरियों, पिछली गलतियों और सारी बेवकूफियों के बारे में अपनी पत्नी को बता देता। बाद में पत्नी उसकी इन्हीं बेवकूफियों के बारे में बोल बोलकर उसे ताने मारती

बुद्ध अपने शिष्यों को श्मशान क्यों भेजते थे

किसी के मन को पढ़ने का रहस्य

और कई बार तो अपने मायके वालों के सामने उसे जलील भी करती। गोलू को लगता था कि अगर वो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से अपनी मजबूरी और दुख के बारे में बात करेगा तो लोगों से उसे सहानुभूति और मदद मिले गी। लेकिन लोग उसकी मजबूरी सुनकर उसके सामने तो उसे विचारक कहते लेकिन बाद में उसका मजाक उडाते कि कैसा बेवकूफ इंसान है, इसका बाप ही बेवकूफ था और यह भी बेवकूफ है। हम इसकी मदद कैसे कर दें? ये लल्लू इंसान हमारे पैसे वापस कैसे करेगा?

इसी तरह से लोग उसकी पीठ पीछे उसके बारे में तरह तरह की बातें करती और उसका मजाक बनाते हैं। लोग गोलू और उसकी माँ के सामने अच्छी अच्छी सलाह तो देते लेकिन कोई भी असलियत में उसकी मदद करने के लिए सामने नहीं आता था। ऐसे ही 1 दिन अचानक रात में गोलू की माँ के सीने में दर्द उठा और वो भी भगवान को प्यारी हो गई। इस घटना के बाद से गोलू बहुत ही उदास और परेशान रहने लगा। काम तो वह पहले से ही ठीक से नहीं कर पाता था लेकिन अपनी माँ के जाने के बाद अब वो घर में ही उदास और दुखी होकर बडा रहता था।

इस बात पर उसकी पत्नी उसी दिन भर ताने मारती और पडोसियों से उसकी बुराइ करती। वह कहती जैसे इसके माँ बाप ने कम में और डरपोक थे वैसा ही ये भी है। जब गोलू को पडोसियों के मुँह से अपनी पत्नी के द्वारा की गई उसकी बुराइ के बारे में पता चलता तो उसे बहुत गुस्सा आता और गुस्से में वे भी अपनी पत्नी की पडोसियों से बुवाई कर देता। उनकी इस आदत की वजह से पडोसी अपने सामने गोलू और उसकी पत्नी का मजाक बनाते हैं और उन दोनों की एक दूसरे से चुगली भी करते, जिसकी वजह से गोलू और उसकी पत्नी के बीच झगडे होने शुरू हो गए। 1 दिन झगडे के दौरान उसकी पत्नी घर छोडकर अपने मायके चली गई और यह धमकी दे गई कि अब वे कभी वापस नहीं आएगी। पत्नी के जाने के बाद गोलू और भी अकेला पड गया और।

अगर आप इस Story को सुनना चाहते है, तो नीचे Video पर क्लिक करके सुन सकते है।

और वो पूरे दिन दुखी होकर अपने भाग्य को कोसता रहता। कई बार तो उसे विचार आता कि अब आत्महत्या ही कर लेता हूँ, लेकिन फिर वह कुछ सोचकर रुक जाता। कुछ समय पहले तक जो लोग गोलू को अपना दोस्त, रिश्तेदार और पडोसी बताकर मीठी मीठी बातें करते और उसके पिता से सहायता मांगते थे, आज वही लोग गोलू का मजाक उडाते और उसे पागल कहते। अंदर से दुखी और पूरी तरह से टूट चुका गोलू बस किसी तरह से अपना जीवन काट रहा था। लेकिन 1 दिन गोलू के गांव में एक बहुत ही प्रसिद्ध महात्मा आते हैं।

जब गोलू को उन महात्मा के बारे में पता चलता है तो वह सीधे उनके पास जाता है और उनके चरणों में गिरकर रोने लगता है। महात्मा गोलू को उठाते हैं और उससे उसके इस असीम दुख का कारण पूछते हैं तो गोलू अपने परिवार की सारी कहानी महात्मा जी को कहा सुनाता है। गोलू की पूरी बात को ध्यान से सुनने के बाद महात्मा उससे कहते हैं, तुम्हारे परिवार की इस हालत का कारण कोई और नहीं बल्कि तुम्हारा और तुम्हारे माता पिता का हद से ज्यादा सीधा होना और उन पारिवारिक बातों को दूसरों से बता देना है।

जिन बातों को कभी किसी से साझा नहीं करना चाहिए। तुम्हारे सीधे स्वभाव का इलाज तो लोगों के द्वारा दिए गए धोखों, तानों और तुम्हारी इस हालत में कर ही दिया है। लेकिन आज मैं तुम्हें उन 7 बातों के बारे में बताऊँगा जिनके बारे में तुम्हें किसी से भी बात नहीं करनी चाहिए। गोलू पूरा ध्यान लगाकर महात्मा जी की बातें सुन रहा था।

महात्मा जी ने कहना शुरू किया पहली बात जो तुम्हें किसी से नहीं बतानी वो है तुम्हारे दुख और मजबूरी ज्यादातर लोगों के जीवन में छोटा सा दुख और मजबूरी आई नहीं। की वो इसका ढिंढोरा पीटना शुरू कर देते हैं। लेकिन क्या दूसरों को अपना दुख और मजबूरी बताने से हमें उस दुख से छुटकारा मिल जाता है? नहीं, बिल्कुल नहीं, बल्कि ऐसा करने से हम लोगों की नजरों में एक कमजोर और मजबूर व्यक्ति साबित हो जाते हैं। ज्यादातर लोग मदद तो करते नहीं, लेकिन हमारी पीठ पीछे हमारे इस मजबूरी का उपहास जरूर उठाते हैं। ज़रा सोचो दूसरों से अपनी मजबूरी बताने का क्या कारण हो सकता है? या तो अपनी मजबूरी बताकर सामने वाले की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं।

या फिर उससे किसी प्रकार की आर्थिक मदद चाहते हैं? लेकिन अगर किसी ने तुम्हारी मदद कर भी दी तो फिर वो बदले में तुमसे इससे भी बडी मदद की उम्मीद रखेगा और अगर तुम उसकी मदद नहीं कर पाए तो फिर वो मन ही मन तुम्हें अपना दुश्मन मानने लगेगा और अगर गलती से भी तुमने अपनी मजबूरी अपने दुश्मन को बता दी तो वह तुम्हारी इस मजबूरी का गलत फायदा भी उठा सकता है, क्योंकि वह समझ जाएगा कि इस समय तुम कमजोर और मजबूर हो और तुम से बदला लेने का यही सही समय है।

इसीलिए अपने दुख और मजबूरी किसी के भी साथ सांझा मत करो और लोगों के स्वभाव को पढ़ना सीखो, क्योंकि अगर तुमने लोगों के स्वभाव और नीयत को गहराई से समझना सीख लिया तो तुम खुद को बहुत सी मुसीबतों से बचा सकते हो। वैसे दोस्तों किसी भी इंसान की असल स्वभाव और उसकी नीयत के बारे में समझना काफी आसान हो जाता है।

महात्मा ने कहा, दूसरी बात जो तुम्हें लोगों से साझा नहीं करनी वो है अपनी अतीत की गलतियाँ और भविष्य की योजनाएं। अतीत में जो भी गलतियाँ हमसे हो चुकी है, फिर चाहे वो हमारी बेवकूफ़ी की वजह से हुई हो या फिर हमने जानबूझकर की हो, उन्हें किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए क्योंकि बताने से अतीत की गलतियाँ तो ठीक नहीं की जा सकती लेकिन ऐसा करके हम लोगों की नजरों में उपहास का पात्र जरूर बन जाते हैं।

हमारी अतीत की गलतियाँ पता चलने के बाद लोग हमें शक की नजर से देखना शुरू कर देते हैं और लोगों को हम पर भरोसा भी कम हो जाता है और कई मौकों पर तो लोग हम पर भरोसा करना ही छोड देते हैं। भले ही अब हम वो इंसान ना रहे हो जो उस समय थे जब हमने वो गलती की थी। लेकिन लोग फिर भी हमें हमारी उस अतीत की गलती के साथ ही जोडकर देखेंगे और यह एक चीज़ समाज में हमारी छवि को खराब करती है और एक भरोसेमंद व्यक्ति का दर्जा हमसे छीन लेती है। दूसरी तरफ हमें अपने भविष्य की योजनाएं भी लोगों को नहीं बतानी चाहिए क्योंकि ऐसा करने के दो बडे नुकसान है।

पहला हर व्यक्ति के अंदर कहीं ना कहीं खुद को दूसरों से श्रेष्ठ साबित करनी और अपनी तारीफ सुनने की चाहत होती है और ये चाहत उनके अंदर बैठे अहं की वजह से होती है तो लगभग हर व्यक्ति ही अपने अंदर के इस अहम की पूर्ति के लिए बडे बडे लक्ष्य बनाता है और फिर उन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए योजनाएं। लेकिन जब वही व्यक्ति अपने लक्ष्य और योजनाएं लोगों को बताने लगता है तो उसके बडे बडे लक्ष्य और योजनाओं के बारे में सुनकर लोग उसकी तारीफ करने लगते हैं।

और अपनी इस झूठी तारीफ को सुनकर व्यक्ति के अहम को ठंडक मिलती है। वो हम जो उसे ऊर्जा दे रहा था। अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए वो अब ठंडा पडने लगता है जिससे आप व्यक्ति के अंदर अपने लक्ष्य के प्रति वो जज्बा नहीं रह जाता जो काम की शुरुआत में था और इस बात की संभावना कई गुना बढ़ जाती है कि व्यक्ति अपने उस काम को बीच में ही छोड दें और उसका वो लक्ष्य कभी पूरा ही ना हो। इसीलिए हमेशा काम पूरा होने के बाद ही लोगों को उसके बारे में बताना चाहिए और वैसे भी उन लोगों को अपनी योजनाओं के बारे में बताने का कोई मतलब नहीं।

जो हमारी उस योजना का हिस्सा ही नहीं है। समय से पहले अपनी योजनाओं के बारे में बताने का दूसरा नुकसान यह भी है कि लोग हमारी उस योजना को पूरा ही नहीं होने देंगे क्योंकि कोई भी नहीं चाहता कि दूसरा व्यक्ति उससे आगे निकल जाए। इसलिए जब लोगों को तुम्हारे लक्ष्य और योजनाओं के बारे में पता चलेगा तो वो तुम्हे पीछे खींचने की कोशिश करेंगे। यहां तक कि वे लोग भी जो अब तक आपकी मदद कर रहे थे, आपके दोस्त और रिश्तेदार भी पीछे हट जाएंगे और अगर तुम्हारा बुरा चाहने वाले लोगों को तुम्हारी योजनाओं के बारे में पता चल गया तो वह निश्चित रूप से तुम्हारी योजना को असफल बनाने की पूरी कोशिश करेंगे। इसलिए अपनी अतीत की गलतियाँ हो और भविष्य की योजनाओं को हमेशा गुप्त रखना चाहिए।

महात्मा ने कहा, तीसरी बात जो तुम्हें किसी से नहीं बतानी वो है अपने घर की बातें। हमारे घर में हमारे माता पिता, बच्चों, सास, बहु या पति पत्नी के बीच क्या बातें हो रही है? वो हमें किसी से नहीं बतानी चाहिए क्योंकि अक्सर घर में छोटी मोटी बहस ये लडाई के बाद हम गुस्से में दूसरों से अपने परिवार की बुराइ करना तो शुरू कर देते हैं लेकिन उस समय यह भूल जाते हैं कि जो व्यक्ति हमारी बातें सुन रहा है वो भविष्य में हमारी इन्हीं बातों के लिए हमें नीचा दिखा सकता है या लोगों के सामने हमें अपमानित कर सकता है। और वैसे भी जब हम लोगों के सामने अपने घर की बातें बताना शुरू कर देते हैं तो लोगों को हमारे घरेलू मामलों में घुसने का मौका मिल जाता है और वो जरूरत पडने पर हमारे इस घरेलू मनमुटाव का फायदा भी उठा सकता है। इसके अलावा भी जब घरवालों को पता चलता है।

की परिवार के किसी सदस्य ने उसकी बुराइ की है तो उसे बहुत बुरा लगता है और इस बात को लेकर घर में और भी लडाई झगडे शुरू हो जाते हैं। सास बहू और पति पत्नी के बीच अधिकतर झगडे तो सिर्फ इसलिए होते हैं क्योंकि वो दोस्तों, रिश्तेदारों और पडोसियों से एक दूसरे की बुराइ करते हैं। इसीलिए अगर हम अपने परिवार के सदस्यों की तारीफ नहीं कर सकते तो किसी और से हमें उनकी बुराइ भी नहीं करनी चाहिए।

महात्मा ने आगे कहा, चौथी बात जो तुम्हें किसी से नहीं बतानी वो है अपनी कमजोरियां और अपनी ताकत। पहली बात तो ज्यादातर लोगों को अपनी कमजोरी और ताकत के बारे में पता ही नहीं होता और अगर तुम्हें अपनी कमजोरी और ताकत के बारे में पता है तो तुम सच में एक बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति हो लेकिन दूसरों के सामने अपनी कमजोरी और ताकत के बारे में ना बताने के दो बडे कारण हैं। पहला कि अगर तुम्हारे दुश्मनों को तुम्हारी सबसे बडी ताकत के बारे में पता चल गया तो अब वो तुम्हारी सबसे बडी ताकत नहीं रह जाएगी क्योंकि तुम्हारे दुश्मन तुम्हारी उस ताकत का कोई ना कोई तोड निकाल ही लेंगे और अगर तुम्हारी सबसे बडी कमजोरी भी लोगों के सामने उजागर हो गई।

जो लोग अपनी बात मनवाने के लिए तुम्हारी उस कमजोरी पर ही प्रहार करेंगे और तुम्हें मजबूर होकर हमेशा ही दबना पडेगा, वो सामने वाले की बात माननी पडेगी। इसीलिए अपनी कमजोरी किसी को भी नहीं बतानी चाहिए। यहाँ तक की पति को अपनी पत्नी से और पत्नी को अपने पति से भी नहीं, क्योंकि जरूरत पडने पर अपनी बात मनवाने के लिए यह एक दूसरे की कमजोरियों का फायदा भी उठा सकते हैं। और अगर पति की कमजोरी पत्नी को पता है तो पति को हमेशा ही दबकर रहना पडेगा और इसका उल्टा भी उतना ही सही है।

महात्मा ने आगे कहा, पांचवीं बाद जो तुम्हें दूसरों से नहीं बतानी वो है अपनी आम्दानी और अपने धन के बारे में अब किसी से अपनी आमदनी के बारे में ना बताने का क्या कारण हो सकता है? तो इसके दो बडे कारण हैं। पहला कि अगर हमारी आमदनी कम है और लोगों को इसके बारे में पता चल गया तो वो जरूरत पडने पर कभी भी हमारी आर्थिक मदद नहीं करेंगे और हम से दूर भागेंगे। क्योंकि समाज में एक गरीब व्यक्ति की आर्थिक मदद करने से हर व्यक्ति डरता है। उन्हें इस बात का डर होता है कि इसकी आमदनी तो इतनी कम है। ये पैसे वापस कैसे करेगा?

और साथ ही हमारी आमदनी के बारे में जानकर लोग हमारी हैसियत का अनुमान भी लगा लेते हैं और फिर हमें उसी के अनुसार इज्जत भी देते हैं और अगर आमदानी बहुत कम है तो हमारा उपहास भी उडाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ अगर आपकी आमदनी ज्यादा है और लोगों को इसके बारे में पता है तो वह छोटी सी भी जरूरत पडने पर आप के पास ही आर्थिक मदद मांगने आएँगे और अगर किसी कारण बस आप ने उनकी मदद नहीं की तो वो सोचेंगे की ये व्यक्ति हमारी मदद कर सकता था लेकिन उसने जानबूझकर मदद नहीं की।

तो इस तरीके से आपकी ज्यादा आमदनी आपके दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ आपके आपसी मनमुटाव और झगडे का कारण बनेगी। इसी लिए अगर आमदनी कम है तो लोग मजाक उडाएंगे और अगर ज्यादा है तो हर व्यक्ति तुम से मदद मांगता रहेगा। इसीलिए अपने धन के बारे में बात ना करने में ही समझदारी है और शास्त्रों में तो यहाँ तक कहा गया है कि पति को अपनी कमाई के बारे में कभी भी पूरी तरह से अपनी पत्नी को नहीं बताना चाहिए क्योंकि अगर पत्नी को पति की कमाई के विषय में पता चल गया तो वो उसकी कमाई को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश करेगी। उसके धन पर जरूरत से ज्यादा अपना अधिकार जताएगी और पति के तमाम खर्चों पर रोक लगाने का प्रयास करेगी।

महात्मा ने उसे आगे कहा, छठी बात जो तुम्हें लोगों से नहीं बतानी वो है अपने अपमान के बारे में अगर तुम्हें किसी कारण से कहीं पर भी अपमानित होना पडा है तो इसके बारे में कभी किसी चर्चा ना करो। अपनी पत्नी को भी ना बताओ क्योंकि तुम्हारी पत्नी बेशक उस वक्त तुम्हारे पक्ष में बात करेगी, लेकिन बाद में बात बात पर उस अपमान का ताना देती रहेंगी और अगर दूसरे लोगों को भी तुम्हारे उस अतीत में हुए अपमान के बारे में पता है तो वो कभी भी चार लोगों के सामने तुम्हारे उस अपमान के बारे में बात करके तुम्हें जलील कर सकते हैं।

महात्मा ने आगे कहा, सात वीं और अंतिम बात जो तुम्हें दूसरों से साझा नहीं करनी वो है अपने मित्र और अपने शत्रुओं के बारे में। हालांकि ज्यादातर लोगों को इससे कोई मतलब नहीं होता की हमारे मित्र और शत्रु कौन है? लेकिन इस जानकारी का गलत फायदा वो लोग उठा सकते हैं जो हमारा बुरा चाहते हैं। अगर हमारे शत्रुओं को यह पता चल गया कि हमारे मित्र कौन है

जो जरूरत पडने पर हमारा साथ दे सकते हैं तो वो हमारे मित्रों के साथ अपने संबंध गहरे करके उन्हें हमसे दूर ये हमारे खिलाफ़ कर सकते हैं और अगर हमारे मित्रों को ये पता है कि हमारा सबसे बडा शत्रु कौन है तो अगर आने वाले समय में किसी कारण बस हमारा वो मित्र, हमारा शत्रु बन जाता है तो वो हमारे उस पुराने सत्रों के साथ मिलकर हमारा बडा नुकसान कर सकता है। इसलिए अपने मित्र और शत्रु के बारे में हर जगह सबके सामने बखान नहीं करना चाहिए। इतना कहने के बाद महात्मा जी मौन होकर

10 आसान आदतें जो 30 दिन में आपको एक नया इंसान बना देंगी

आयुर्वेद की अद्भुत शक्ति: भोजन से पहले एक चम्मच खाएं

गोलू के चेहरे की तरफ देखने लगे। गोलू की आँखों में आंसू थे पश्चाताप के आंसू आज पहली बार उसे महसूस हुआ कि वो अपनी पत्नी, दोस्तों और गांव वालों को अपनी हर एक बात बताकर कितनी बडी गलती कर रहा है और उसकी इसी नादानी की वजह से सब उसे बेवकूफ़ समझते हैं और उसकी पत्नी भी उसकी इज्जत नहीं करती और उसे छोडकर जा चुकी है। लेकिन उस दिन महात्मा जी के सामने ही गोलू ने मन ही मन में यह निश्चय किया कि आज के बाद वो अपने राज़ किसी को नहीं बताएगा। अपना शोषण नहीं होने देगा। और एक जिम्मेदार वो गंभीर व्यक्ति बनने का पूरा प्रयास करेगा।

दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको इस कहानी से एक अच्छी सिख मिली होगी, यह कहानी आपको कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं और साथ ही इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ताकि उन्हें भी इस कहानी से कुछ सिखने को मिल सके। धन्यवाद…

आपको यह पोस्ट केसी लगी?
+1
0
+1
1
+1
0

अपना सवाल/सुझाव यहाँ बताये