10 आसान आदतें जो 30 दिन में आपको एक नया इंसान बना देंगी | Buddha Story in Hindi

दोस्तों कहानी शुरू करने से पहले कमेंट में नमो बुद्धाय लिखकर वीडियो को लाइक जरूर करे, तो चलिए शुरू करते है इस कहानी को, एक गुरु अपने शिष्यों को प्रवचन दे रहे थे। वो बोल रहे थे कि हजारों मील का सफर भी सिर्फ एक ही कदम से शुरू होता है। देखा जाए तो अपनी जिंदगी में लक्ष्य हम सभी तय करते हैं। अपने लिए ख्वाब बुनते हैं, खुद को लेकर कई सारे सपने भी देखते हैं, लेकिन अपने लक्ष्य अपनी मंजिल के पीछे भागने की बजाय ज्यादातर लोग अपने उन ख्यालों के पीछे भागते रह जाते हैं जिनका शायद सच्चाई से कोई वास्ता ही नहीं है, जो सिर्फ उनके दिमाग की एक उपज है।

इन सभी गैर जरूरी ख्यालों के पीछे भागते हुए वह इस बात का अंदाजा लगाने की कोशिश भी नहीं करते कि वो ख्याल सकारात्मक है या नकारात्मक सच है या उनके दिमाग की सिर्फ एक उपज है या वह किसी और से प्रभावित है। उसका सच्चाई से कोई संबंध है भी या नहीं और शिष्यों? इसीलिए ज्यादातर लोग अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पाते और जीवन भर असफल रह जाते हैं। गुरु यह सब बोल ही रहे थे कि तभी एक शिष्य खडा होता है और गुरु से कहता है।

गुरुदेव आपने ये तो बता दिया कि ज्यादातर लोग असफल क्यों होते हैं, लेकिन क्या आप हमें यह बता सकते हैं कि हम सफल कैसे हो सकते हैं? वो कौन सी छोटी छोटी आदतें हैं जो हमें सफलता के लिए तैयार करती है और फिर सफलता के शिखर तक पहुंचाती है। गुरु ने शिष्य का पूरा प्रश्न बडे ध्यान से सुना और फिर हाथ के इशारे से उसे बैठने का आदेश देते हुए अपने सभी चीजों से कहा। जीवन में सफल होने के लिए सिर्फ जोस और इच्छाशक्ति का होना ही आवश्यक नहीं है।

क्योंकि ये दोनों चीजें सिर्फ हमें प्रेरित करके हम से काम की शुरुआत करवा सकती है। लेकिन पूरे जोश और उत्साह के साथ लंबे समय तक अपने लक्ष्य पर टिके रहने और दूर के बडे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमें उन आदतों को अपनी रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बनाना पडेगा जो व्यक्ति को सफलता के लिए तैयार करती है और उसे सफल बनाती है। तो आज मैं आपको १० ऐसी आसान आदतों के बारे में बताऊँगा जिनको अगर आपने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया तो सिर्फ ३० दिनों में।

आप अंदर से एक बिल्कुल ही अलग इंसान बन जाएंगे और खुद के भीतर एक गजब की सकारात्मक ऊर्जा और जो उसको महसूस करेंगे, जो आपको सफलता के शिखर तक पहुंचाएगी, तो उन

सफल आदतों की श्रेणी में पहली आदत है।

अपने दिन की शुरुआत धन्यवाद के भाव के साथ करेंगे। सुबह जैसे ही आपकी आंख खुले तो कुछ भी सोचने से पहले कुछ भी करने से पहले बिस्तर से उठने से पहले अपने दोनों हाथों को जोडकर आसमान की तरफ देखते हुए जिसकी शक्ति पर आप विश्वास करते हैं।

उस का आह्वान करते हुए उन तीन चार चीजों को याद कीजिए जिसके लिए आप ईश्वर की शुक्रगुजार हैं। उन तीन चार लोगों चीजों या घटनाओं के लिए ईश्वर का आभार व्यक्त कीजिए, जिनकी वजह से आपके जीवन में बेहतरी आई है। आप ज्यादा खुशहाल और समृद्ध हुए हैं। ज्यादातर मौकों पर हमारे जीवन में, हमारे घरों में, हमारे परिवारों में, हमारे आसपास के माहौल में एक ही वो इंसान होता है जो हमारे सबसे ज्यादा दुख हो और परेशानियों का कारण होता है।

लेकिन हमारे आसपास ९९ प्रतिशत लोग अच्छे होते है। हमारे जिंदगी में ९९ प्रतिशत चीजें बहुत अच्छी है लेकिन अगर हम बुरे इंसान पर बुरी घटनाओं पे बुरी परिस्थितियों पे बुरे परिणामों पर ध्यान देंगे तो फिर पूरा दिन हमें उस तरह की चीजें और मिलेंगी। लेकिन अगर हम शुक्रगुजार हैं, अपने जीवन की ९९ प्रतिशत अच्छी चीजों के लिए तो फिर हमारे पास और अच्छा चलकर जरूर आएगा। ये जो आभार व्यक्त करने की आदत है, यह हमारी मानसिकता को सुबह सुबह ही बदलकर रख देती है।

और सकारात्मक तरीके से अपने दिन की शुरुआत करने में मदद करती है। इस अभ्यास को करने में बहुत थोडा सा ही समय लगता है, लेकिन यह आपके पूरे दिन के काम करने के तरीके, आपकी मानसिकता और आपके विचारों को पूरी तरह से बदल कर रख सकती है।

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सफल आदतों की श्रेणी में दूसरी आदत है।

आपको हर दिन व्यायाम जरूर करना चाहिए। आप चाहे दौड लगाए, कसरत करें, योगासन करें या फिर प्राणायाम लेकिन आपको हर सुबह कोई ना कोई ऐसी क्रिया जरूर करनी है जिसमें आपके शरीर को मेहनत करनी पडे।

उसे पसीना बहाना पडे। यह इंसानी शरीर बना ही मेहनत करने के लिए है। इसे हर समय आराम देने से यह निष्क्रिय, कमजोर और रोगग्रस्त हो जाता है। व्यायाम करना ना सिर्फ आपके शरीर को फायदा पहुंचाता है बल्कि यह आपके दिमाग और आपके मानसिक क्षमताओं को बढ़ाने में भी कमाल करता है। रोज़ व्यायाम करने से आपका शरीर और मन मजबूत होता है। आपके अंदर एक अलग ही आत्मविश्वास और तेज का जन्म होता है जो आपकी सफलता की राह में आपके सहायक बनते हैं।

सफल आदतों की श्रेणी में तीसरी आदत है।

लक्ष्य निर्धारित करो और अपने दिन को योजना के अनुसार चलाओ। रात में सोने से पहले ही अगले दिन के तीन सबसे महत्वपूर्ण कामों को निश्चित कर लो और उन्हें लिख लो। फिर उसी के अनुसार अपने पूरे दिन की योजना बनाओ और उस पर अमल करो। अगर कोई व्यक्ति योजना बनाकर अपने दिन की शुरुआत नहीं करता और कोई सभी काम कभी भी करता है तो ऐसा व्यक्ति कभी भी अपने पूरे दिन का सदुपयोग नहीं कर सकता। हालांकि ज्यादातर लोगों को पता होता है

तो उनके लिए कौन सा काम महत्वपूर्ण है और कल उन्हें कौन सा काम करना चाहिए। लेकिन फिर भी वो लोग उस काम को पूरा नहीं कर पाते और उसे टालते रहते हैं और जो व्यक्ति अपने काम को समय पर पूरा न करके उसे लगातार टालता रहता है ऐसा व्यक्ति कभी भी बडी सफलता हासिल नहीं कर सकता। ज्यादातर लोगों का अपने काम को समय पर पूरा ना करना और उसे लगातार कल पर टालते रहने का सबसे बडा कारण है उनके अंदर आत्म अनुशासन का ना होना। क्योंकि जो व्यक्ति आत्मा अनुशासित हैं वो अपना हर काम समय पर पूरा करता है।

सफल आदतों की श्रेणी में चौथी आदत है।

आपको हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखना चाहिए या फिर कुछ ना कुछ नया पढ़ना चाहिए। अगर आप हर दिन १ से २ घंटे का समय अपने लिए कुछ नया सीखने, पढ़ने या फिर अपने व्यक्तिगत विकास के कामों में नहीं लगा रहे हैं तो फिर आप चाहें कितनी ऊंचाइयों पर हो, कितने ही समझदार और बुद्धिमान हो, आप जिंदगी में हारने ही वाले हैं, आप नीचे गिरने ही वाले हैं। किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा है कि सीखना कभी बंद नहीं होना चाहिए।

क्योंकि लगातार अभ्यास से ही व्यक्ति महान ऊंचाइयों को हासिल कर सकता है। सीखने का कोई भी तरीका हो सकता है जैसे अच्छी किताबें पढ़ना, अपने क्षेत्र के सबसे सफल लोगो की बातें सुनना, रोज़ अपने काम का अभ्यास करना इत्यादि। अगर आपको दुनिया के १ प्रतिशत सफल लोगों में शामिल होना है तो लगातार सीखते रहने की आदत को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना ही पडेगा।

सफल आदतों की श्रेणी में पांचवीं आदत है,

कम खाओ और अच्छा खाओ। यहाँ अच्छा खाने से मतलब है संतुलित आहार यानी ऐसा भोजन। जो पोषक तत्वों से भरपूर हो और आपके शरीर को कोई नुकसान न पहुँचाए। देखा जाए तो भोजन हमारे शरीर के लिए औषधि है। भोजन शरीर के लिए सब कुछ है क्योंकि शरीर को औषधि तो हम कभी कभार ही देते है लेकिन इसे भोजन हर दिन देते हैं तो हमारा शरीर कैसा होगा? ये हमारे भोजन की गुणवत्ता और उसकी मात्रा पर निर्भर करता है क्योंकि शरीर को चलाने वाले सारे पोषक तत्वों भोजन से ही मिलते हैं। इसीलिए कोई ऐसा भोजन मत करो जिसमें कोई पोषक तत्व ही ना हो और जिसे पचाना

हमारे शरीर के लिए बोझ बन जाए। ज्यादा तला भुना और बासी भोजन मत खाओ। तीन सफेद चेहरों से जितना हो सके उतनी दूरी बना लो। पहला सफेद जहर है चीनी, दूसरा सफेद जहर है नमक और तीसरा सफेद जहर है। मैदा, चीनी और मैदा से तो हमारे शरीर को कोई भी पोषक तत्व नहीं मिलता और इन्हें बचाना भी शरीर के लिए बहुत मुश्किल होता है। इसलिए इनका सेवन कम से कम करो। भोजन मन भरने के लिए नहीं, पेट भरने के लिए करों। जब भूख लगी तभी भोजन करो और हमेशा अपनी भूख से थोडा सा कम खाओ।

रात में जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी भोजन करने का प्रयास करो। अपने आहार में जीवित भोजन जैसे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, सूखे में भी इत्यादि का सेवन जरूर करो। सुबह उठते ही खाली पेट पानी पियो, भोजन करने से पहले पानी पियो, लेकिन भोजन करने के तुरंत बाद पानी कभी मत पियो। भोजन हमेशा शांतचित और प्रसन्न मन के साथ करो और भोजन ग्रहण करते समय उसका पूरा आनंद लो। हम जैसा अपने शरीर को भोजन देते हैं, यह उसी के अनुसार काम करने लगता है। इसीलिए अपने भोजन और उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखो।

सफल आदतों की श्रेणी में छठी आदत है।

उनके साथ हर दिन थोडा सा समय बिता हो जो आप से सच्चा प्रेम करते हैं। आप की परवाह करते हैं जैसे आपके माता, पिता, भाई, बहन या फिर आपके सच्चे मित्र। ये एक आदत आपके परिवार में खुशी और शांति लाती है। परिवारजनों के बीच प्रेम और एकता बढ़ती है, जिससे आप ज्यादा खुश और शांत रहने लगते हैं। पारिवारिक तनाव कम होने की वजह से अपने जरूरी कामों पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं और ज़्यादा अच्छे परिणाम हासिल कर पाते हैं।

सफल आदतों की श्रेणी में सातवीं आदत है।

हर दिन थोडा सा समय खुद के लिए भी निकालें और इस थोडे से समय में आपके साथ कोई और नहीं होना चाहिए। ये आपका अपना समय है जिसमें आप अकेले एकांत में रहेंगे, खुद के बारे में चिंतन करेंगे, खुद की अच्छाइयों और बुराइयों के बारे में विचार करेंगे, अपने भविष्य के बारे में सोचेंगे, अपने काम के बारे में सोचेंगे, अपने भीतर उतरने का प्रयास करेंगे। इन एकांत के पलों का उपयोग आप खुद को और भी बेहतर तरीके से जानने और समझने में करेंगे। इस समय आप खुद की कमियों के बारे में विचार करेंगे। और उन्हें कैसे ठीक कर सकते हैं, इस पर मंथन करेंगे।

सफल आदतों की सूची में आठवीं आदत है।

समय का सही प्रबंधन करना, उसका सही उपयोग करना। जिंदगी दिनों, महीनों और सालो में गिनी जाती है तो जिसने अपना दिन संभालना सीख लिया उसका महीना संभल जाएगा और जिसने अपने महीने संभालने सीख लिए उसके साल संभल जाएंगे और जिसके साल संभल गए उसकी पूरी जिंदगी संभल जाएगी। इसी लिए अपने दिन को सही तरीके से संभालना सीख हो। जो सबसे महत्वपूर्ण काम है उन्हें सबसे पहले खत्म करो। जिंदगी के किसी भी क्षेत्र में देख लो।

घंटे तो सब के पास २४ ही होते हैं लेकिन इन्हीं २४ घंटों में कुछ लोग कमाल कर जाते हैं। अपने एक ही जीवन में ना जाने कितने सारे काम कर जाते हैं, लेकिन दूसरी तरफ ज्यादातर लोग छोटे छोटे कामों में ही उलझे रह जाते हैं और जीवन भर यही कहते रहते हैं कि इस काम के लिए समय नहीं है। उस काम के लिए समय नहीं है तो आखिर समस्या कहाँ है? समस्या है अपने समय का सही प्रबंधन न कर पाना।

सफल आदतों की श्रेणी में नौमी आदत है।

रात में जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें। जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है उसे कुछ अतिरिक्त समय मिल जाता है, सबसे महत्वपूर्ण कामों को खत्म करने का जैसे ध्यान का अभ्यास, व्यायाम, किताबें पढ़ना इत्यादि। सुबह जल्दी उठकर ध्यान का अभ्यास करने से दिनभर मन शांत और प्रसन्न रहता है। इसके साथ ही सुबह जल्दी उठकर काम शुरू करने से व्यक्ति का काम समय पर पूरा हो जाता है और वह बेवजह की चिंता और तनाव से बच जाता है। सुबह जल्दी उठकर काम खत्म करने से व्यक्ति के अंदर एक ऐसा अनुशासन जन्म लेता है जो उसे सफलता के शिखर तक पहुंचा सकता है।

सफल आदतों की श्रेणी में दसवीं आदत है।

वीर्यनाश, धूम्रपान और मदिरापान से बचें। ये तीनों ही काम ऐसी बुरी लत है जो निश्चित रूप से आप को पीछे ले जाने वाली है। ये तीनों ही काम आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। वीर्यनाश आपके तेज और कांति को खत्म करता है और साथ ही आपको शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर बनाता है। हालांकि इन तीनों ही चीजों को छोडना आसान नहीं होता, लेकिन अगर आप चाहे तो मजबूत इरादे और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर इन्हें छोड सकते हैं। इनसे निजात पा सकते हैं।

इतना कहने के बाद गुरु ने अपना प्रवचन समाप्त कर दिया और वह मौन हो गए। यह देखते ही सभी चीजें समझ गए कि अब यहाँ से जाने का समय हो चुका है। उन सब ने इस जानकारी के लिए गुरु का धन्यवाद किया और वहाँ से चले गए।

तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको इस कहानी से एक अच्छी सिख मिली होगी, यह कहानी आपको कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं और इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ताकि उन्हें भी इस कहानी से कुछ सिखने को मिल सके। धन्यवाद…

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