शनिवार व्रत, कथा, विधि, पूजा पाठ की पूरी जानकारी हिंदी में

शनिवार का दिन शनिदेव का दिन होता है इस दिन शनिदेव का व्रत रखा जाता है अगर जीवन में शनि की साढ़ेसाती लग जाए तो जीवन में अनेक दुखों और विपत्तियों का सामना करना पड़ता है अगर आप शनि देव की साढ़ेसाती से बचना चाहते हैं तो आप शनिदेव का व्रत रख सकते हैं

पुराणों में शनि ग्रह से मुक्ति पाने के लिए मूल नक्षत्र युक्त शनिवार से व्रत आरंभ करके सात शनिवार शनि देव महाराज के व्रत रखने चाहिए ऐसा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है

Shanivaar Vrat Ki Pooja Kaise Karen?

शनिवार व्रत की पूजा कैसे करें?

1. व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लेना चाहिए

2. पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं

2. शनि देव की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए

3. शनि देव की मूर्ति के सामने अपनी इच्छा अनुसार 7 ,9, 11 व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए

4. शनि देव महाराज को पंचामृत से नहलाएं

5. इसके बाद शनिदेव को काला तिल, धूप, तेल, फूल और काला कपड़ा अर्पित करें

6. इसके बाद शनि देव पर दीपक जलाना चाहिए

7. शनि देव की कथा और आरती करें

8. इसके बाद प्रसाद बांट दें और चींटियों को आटा खिलाएं

इसे जरूर पढ़े नवरात्रि व्रत कैसे/कियो मनाये पूरी जानकारी हिंदी में

Shanivaar Vrat Mein Kya Khaana Chaahie

शनिवार व्रत में क्या खाना चाहिए?

1. शनिवार का व्रत रखने वाले व्यक्ति को काली उड़द दाल, राजमा, काले तिलों, कुट्टी का आटा, सिंघाड़े के आटे से बना खाना और गुलाब जामुन आदि खा सकते हैं भोग लगाने के बाद आप इन चीजों को प्रसाद के रूप में खा सकते हैं

2. वर्ती की अगर दूध, दही, छाछ पीने की इच्छा हो तो आप इसमें केसर, गुड़ मिलाकर पी सकते हैं

3. शनिवार के व्रत में वर्ती मैंगो शेक, बनाना शेक, उड़द दाल के दही भल्ले भी खा सकते हैं

4. वर्ती को इस दिन नमक नहीं खाना चाहिए और ना ही नमक घर में लेकर आना चाहिए आप अपने खाने में सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं

5.वर्ती को एक समय ही भोजन करना चाहिए

6. वर्ती को इस दिन सरसों के तेल से बना कोई भी खाना नहीं खाना चाहिए

7. इस दिन कोई भी मांस या मदिरा खाने में खानी – पीनी नहीं चाहिए

8. शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला और लोहा आदि खरीद का घर में नहीं लेकर आना चाहिए

इसे जरूर पढ़े सोलह सोमवार व्रत, कथा, विधि, पूजा पाठ की पूरी जानकारी हिंदी में

Shanivaar Vrat Kab Se Staart Karana Chaahie?

शनिवार व्रत कब से स्टार्ट करना चाहिए?

शनिवार के दिन शनि देव का व्रत आप महीने के किसी भी शनिवार से शुरू कर सकते हैं लेकिन श्रावण मास के पहले शनिवार से व्रत शुरू करना सबसे लाभकारी माना जाता है
शनिवार के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

1. शनिवार के दिन नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए

2. शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक और लोहा आदि खरीद का घर में नहीं लेकर आना चाहिए

3. इस दिन किसी प्रकार की नशीली चीज का सेवन नहीं करना चाहिए

Shanivaar Vrat Kaisai Karai

शनिवार व्रत कैसे करें?

शनिवार के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए स्नान करने के बाद पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाकर शनिदेव की पूजा करनी चाहिए पूजा करने के बाद प्रसाद बांट दें अगर आपसे पूरा दिन भूखा नहीं रहा जाता तो आप कोई फल खा सकते हैं

शाम को शनिदेव की पूजा करने के बाद प्रसाद बांट दें और भोजन कर ले पूरे दिन में आप सिर्फ एक समय ही भोजन कर सकते हैं

Shanivaar Vrat Ki Vidhi

शनिवार व्रत की विधि

1. शनिवार का व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए

2. पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें

3. शनि देव की मूर्ति की स्थापना करें

4. शनि देव को पंचामृत से स्नान कराएं

5. शनि देव को काला तिल, लाजवंती का फूल, धूप, काला कपड़ा अर्पित करें

6. इसके बाद शनिदेव की पूजा करके प्रसाद बांट दें

इसे जरूर पढ़े दशहरा क्यों मनाया जाता है? पूरी जानकारी हिंदी में

Shanivaar Vrat Ka Udyaapan Kaise Karen?

शनिवार व्रत का उद्यापन कैसे करें?

व्रत पूरे होने पर शनिदेव के व्रत का उद्यापन करते हैं उद्यापन वाले दिन सुबह सवेरे जल्दी उठकर स्नान करते हैं किसी पंडित को बुलाकर शनिदेव की विधिवत पूजा करते हैं

पूजा करने के बाद शनिदेव के मंदिर में तेलाभिषेक करते हैं इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार हलवे और काले चने का प्रसाद बांट देते हैं

Shanivaar Vrat Katha

शनिवार व्रत कथा

Shanivaar Vrat Katha

शनिवार व्रत katha prarambh time

स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद शनिदेव की पूजा करें पूजा के समय ही शनिदेव की कथा पढ़नी चाहिए अगर किसी कारणवश आप सुबह कथा नहीं पढ़ पाते हैं तो शाम को पूजा करते समय अवश्य कथा पढ़नी चाहिए

शनिवार व्रत katha pdf Download 

download1

 

शनिवार व्रत katha ki vidhi

1.सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें

2. शनिदेव की मूर्ति की स्थापना करें

3. इसके बाद शनिदेव की विधिवत पूजा करें पूजा करने के बाद शनिदेव की कथा पढ़ते हैं कथा पढ़ने के बाद शनिदेव की आरती करें और प्रसाद बांट दें

आपको यह पोस्ट केसी लगी?
+1
0
+1
0
+1
0

अपना सवाल/सुझाव यहाँ बताये