दशहरा क्यों मनाया जाता है? दशहरे की दो पौराणिक कथाएं भी है पूरी जानकारी हिंदी में

दशहरा हिंदू धर्म के लोग बड़े उत्साह से मनाते हैं 9 दिन देवी मां की पूजा के बाद 10 में दशहरा मनाया जाता है हिंदू धर्म के लोग इस पर्व को बहुत ही खुशी से मनाते हैं

दशहरा क्यों मनाया जाता है?

इस दिन भगवान राम ने लंका पति रावण को भी हराया था तथा माता सीता को प्राप्त कर लिया था दशहरे के दिन बड़े-बड़े मैदानों में मेला लगता है वह खुद मिठाइयां बांटी जाती है इस दिन लोग सड़कों पर पुतले भी जलाते हैं रावण मेघनाथ और कुंभकरण तीनों के पिछले बनाए जाते हैं और जलाए जाते हैं क्योंकि बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी

दशहरे से 9 दिन पहले ही रामलीला का आयोजन किया जाता गांव में या शहरों में लोग रामलीला देखने के लिए एक बड़े मैदान में एकत्रित होते हैं तथा इसका मनोरंजन भी लेता है

9 दिन पूरे होने के बाद दसवे दिन बड़ी धूमधाम से दशहरा मनाया जाता है लोग बड़े खुश होते हैं तथा एक दूसरे को दशहरे की शुभकामनाएं भी देते हैं मिठाई भी बैठते हैं इस दिन घरों में नए व्यंजन बनाए जाते हैं

दशहरे की दो पौराणिक कथाएं भी है

एक देवी मां के द्वारा महिषासुर का वध दूसरा राम के द्वारा रावण का वध 9 दिन देवी मां की अलग-अलग रूपों में पूजा की जाती है ऐसा माना जाता है कि मां देवी ने 9 दिन महिषासुर के साथ युद्ध करके उसे युद्ध में हरा था

dashahara kyon manaaya jaata hai

तथा इस सृष्टि का विनाश होने से बचा लिया था तब से ही दशहरे को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है एक कथा राम और रावण की भी है जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास वन में काट रहे थे तो रावण ने राम की पत्नी का छल से अपहरण कर लिया था राम ने रावण को शांतिपूर्वक उसकी पत्नी वापस लौटाने का आग्रह भी किया था

लेकिन रावण ने उनकी एक न सुनी और सीता को अपने वाटिका में रखा राम ने अपना भाई लक्ष्मण हनुमान वानर सेना आदि सभी के साथ रावण के साथ युद्ध करने के बारे में सोचा इस ने रावण के साथ युद्ध किया और अंत में अहंकारी रावण का वध कर दिया उस दिन भी बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी

दशहरे के दिन अलग-अलग जगह पर मेले लगते हैं तथा रामायण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले जोर-शोर के साथ जला जाते हैं भारी संख्या में लोग मेले देखने के लिए आते हैं तथा अलग-अलग जगह पर जाते हैं

इस दिन अहंकार को ख़तम करना चाहिए

यह सच है की आज के दिन बाजारो मैं भी बहुत भीड़ लगी रहती है तथा 30 दिन खूबसूरत नजारे का मनोरंजन लेते हैं दशहरे के दिन इंसानों को भी अपने अंदर के रावण को मार देना चाहिए ताकि वह ज्यादा अहंकारी ना बन पाए दशहरे के दिन अक्सर सरकारी छुट्टियां कर दी जाती है

ताकि हम भी रावण के पुत्रों के साथ-साथ अपने मन के अहंकार को रावण भगवान शिव का सबसे परम भगत जला सके क्योंकि अहंकार गिरा सकता है दशहरे को ही विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है भारत एक ऐसा देश है ज्यादा नमक रीति-रिवाजों संस्कृतियों के माध्यम से त्योहार मनाए जाते हैं दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार माना जाता है

भारत एक कृषि प्रधान देश है माना जाता है कि जब किसान अपने खेत से फसल उगा कर अपना घर लाता है तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहता वह अपने ऊपर जिसे अपने परिवार का पेट भर जाता है और

इसी के द्वारा पूरे पूरा साल निर्भर करता है इस खुशी के अवसर पर वह भगवान की असीम कृपा मानता है क्योंकि ऐसा माना जाता है दशहरा के समर्थक बारिश समाप्त हो जाती है और बाढ़ का मौसम भी चला जाता है

इस पूर्व का सम्मान नवरात्रों से भी है जो कि नवरात्र के बाद ही यह पर्व मनाया जाता है क्योंकि देवी मां ने साहस पूर्वक महिषासुर का वध किया था विजयदशमी नवरात्रों के बाद दसवें दिन मनाई जाती है दशहरे के मेले पर लोग अपने पूरे परिवार दोस्त आदि के साथ आते हैं

मेले में तरह-तरह की वस्तुएं कपड़े गहने खेल खिलौने और तरह-तरह की मिठाइयों की दुकानें सजी रहती है तथा ग्राहक लंबी कतारों में खड़े रहते हैं और खुशी-खुशी उन्हें खरीदते भी हैं दशहरे विजयदशमी राम की विजय प्राप्ति के रूप में मनाया जाता है या दुर्गा मां के रूपों में ही यह शक्ति पूजा शास्त्र और उल्लास की विजय का पर्व माना जाता है देवी मां की आराधना करते भक्तगण आशीर्वाद प्राप्त करते हैं

दशहरे के दिन लोग नए वस्त्र पहन कर मेला देखने जाते हैं तथा खुशी खुशी इस मेले का आनंद उठाते हैं हमें भी राम की तरह अपने अहंकार को हमेशा के लिए नष्ट कर देना चाहिए और खुशहाल जिंदगी की शुरुआत करके अपने सुखमय जीवन का आनंद उठाना चाहिए दशहरे की दो पुराणिक कथा से हमें अच्छी सीख मिलती है हमें कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए

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