दिवाली हिंदू धर्म के लोगों का एक प्रमुख त्यौहार है इस त्योहार को विश्व में भी माना जाता है और खास तौर पर भारत में यह त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है
दीपावली/दिवाली कैसे और किओ मनाते है?
उस दिन बच्चे बूढ़े नौजवान स्त्री पुरुष सब खुश होते हैं और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं
घर-घर में मिठाईयां बाटी जाते हैं और एक दूसरे को हैप्पी दिवाली बोलकर इस त्यौहार का शुभारंभ किया जाता है रात के समय बच्चे दिए जलाते हैं पटाखे छुटाए जाते हैं और घरों में भी इस तरह तरह तरह के पकवान बनाते हैं
दिवाली हिंदू मुस्लिम दोनों के लिए समान है दिवाली के कुछ दिन पहले लोग अपने घरों की लिपाई पुताई करवाते हैं घरों की सफाई आदि करवाते हैं
इसके बाद दिवाली का सामान खरीदते हैं और अपने घरों को सजाते हैं इसके साथ ही नए कपड़े बर्तन नए खिलौने आदि की भी खरीदारी करते हैं बच्चे पटाखे फुलझड़ी लड़ी रॉकेट अनार आदि तरह-तरह के पटाखे खरीदते है
दीपावली कब मनाई जाती हैं
भारत में यह त्यौहार प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है दिवाली का त्यौहार 5 दिन तक मनाया जाता है दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस आता है जिसमें लक्ष्मी की पूजा की जाती है जो धन की लक्ष्मी माने जाते हैं
इसके बाद छोटी दिवाली बड़ी दिवाली आती है जिसमें हम पटाखे छुटाते हैं अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है उसके अगले दिन भाई दूज आते हैं इसमें बहन अपने भाई को तिलक करती है और मिठाई भेंट के रूप में देती हैं
Dipawali Kyu Manayee Jati hai?
दिवाली का त्यौहार सभी के दिल में उमंग भर देता है और सभी खुश होकर इस त्योहार को मनाते हैं कहा जाता है कि इस दिन श्री राम जी अयोध्या वापस आए थे
उनके आने की खुशी में ही अयोध्या नगरी के लोगों ने घी के दिए जलाकर उनका स्वागत किया था उस दिन से ही त्योहार मनाया जाता है
श्री राम के वापस आने की खुशी में अयोध्या नगरी के लोगों ने ढोल नगाड़े नाच गाना भी करवाया था और राम को राज्य अभिषेक भी करवाया था
उसी दिन से यह त्योहार दिवाली के रूप में मनाया जाने लगा इस दिन गणेश और लक्ष्मी की पूजा एक साथ की जाती है ताकि घर में धन वैभव की कोई कमी ना हो इसके अगले दिन गोवर्धन की पूजा भी करवाए जाते हैं
दिवाली का त्यौहार अपने फोन का भी अहसास करवाता है तथा आपसी भेदभाव को मिटा कर मन मे समानता का भाव जागरूक करता है
यह 5 दिन की खुशियों का त्योहार मनमुटाव ना करके खुशी से मनाना चाहिए यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें सबसे ज्यादा मिठाइयां बांटी जाती है
दीपावली कैसे मनाई जाती है
बहुत सी जगहों पर इसे मीठा त्यौहार भी कहा जाता है घर में खुशियां और रौनक आ जाती है दिवाली के उत्सव पर बच्चे बूढ़े नौजवान सभी खुश होते हैं पटाखे छुड़ाते हैं दिए जलाते हैं
खुशियां मनाते हैं इस तरह से सभी के मन में एक नया मोड़ को भरकर आता है आज दिवाली है हर घर हर चौखट के जब मंगाने का दिन है लेकिन सिर्फ गलियां और बाजार नहीं लोगों के चेहरे भी रोनक होने चाहिए
इस कठिन वक्त में भी मुस्कुराहटों की फुलझड़ियां जगमगाती रहनी चाहिए आज अपने आसपास के लोगों को इतना सा नहीं दीजिए कि जरूरत खत्म हो जाए और खुशियां दोगुनी हो जाए दिवाली पूरे देश में मां लक्ष्मी का पूजन का अलग-अलग विधान होता है
सब लोग दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं दिवाली का त्यौहार पूर्वी मनाया जाता है यह त्योहार कोई धार्मिक त्योहार नहीं है इसे सभी धर्मों के लोग मनाते हैं
कहा जाता है कि दशरथ के पुत्र राम और उनकी पत्नी सीता राम का छोटा भाई लक्ष्मण जी 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए थे इसी दिन बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी अयोध्या वापस आने से 10 दिन पहले श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था
दीपावली के ऊपर एक सुन्दर कविता
उसने सीता का अपहरण किया था आज मैं आपको दिवाली पर एक छोटी सी पोयम सुन सकती हूं
रोशनी के इस त्यौहार में मिलकर अंधेरे को हरायें
आओ हर चौखट पर उम्मीद का दिया जलाए
हर आंगन में फिर मुस्कान सजाए खाली हाथों में खुशियों की फुलझड़ियां थमाए
बुझ गए जो दीप हैं उन्हें फिर से जलाएं दिलों की उम्मीदों को सजाए
हर जरूरतमंद के लिए खुशियों का हाथ आगे बढ़ाएं इस दिवाली किसी और के लिए रोशनी बन जाए
उनके अंधियारे मिटाएं सुनसान जगह पर मजबूत हुई जो सड़क मोहल्ले गलियां
उनकी रौनक फिर लौट आए चारदीवारी में रहकर लड़ी जिन्होंने सेहत की लड़ाई
उनके मायूस चेहरों की कुछ भरपाई अब कराएं
जीवन को पटरी पर लुटाने में जुटे हैं जो लोग उन्हें मदद का हर रास्ता दिखाएं
चलो ऐसे दिवाली मनायें आओ हर चौखट पर उम्मीद का दिया जलाए हैं
इस बार दिवाली ऐसे मनाएं||