शिव चालीसा, Shive Chalisa in Hindi PDF File Download (पूरी जानकारी)

Shive Chalisa in Hindi PDF File Download: अगर हमारे हिंदू धर्म में देखा जाए शिवजी को प्रसन्न करना बहुत मुश्किल है लेकिन एक शिव चालीसा ही है जिसका पाठ करके शिव जी को बहुत जल्दी प्रसन्न कर सकते हो शिव चालीसा में भगवान भोलेनाथ की महिमाओं का वर्णन किया गया है

शिव चालीसा भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है अगर आप इसका रोज पाठ करते हो तो आपके सामने कोई भी बाधाएं नहीं आती हैं और भगवान भोले नाथ का हमेशा आपके सर पर हाथ रहता है शिव चालीसा को कहने का यह अर्थ भी है क्योंकि आपको इस में 40 पंक्तियां मिलती हैं इसलिए इसको शिव चालीसा कहा जाता है|

आपके सामने चाहे जितने भी दुख हूं अगर आप भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हो तो भगवान भोलेनाथ आपकी सभी दुख और कष्टों को जल्दी ही दूर कर देते हैं

आप शिव जी की रोज आराधना और शिव जी का चालीसा पाठ करके शिव जी को बहुत जल्दी प्रसन्न कर सकते हो और इससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी और भगवान भोलेनाथ का साया आप पर हमेशा रहेगा

दोस्तों शिव जी की shiv chalisa करने से मनुष्य के अंदर जो भय होता है बहुत सारा खत्म होने लगता है और साथ-साथ आपको डर से भी छुटकारा मिल जाता है

अगर आपकी जिंदगी में बहुत ज्यादा दुख और संकट भरे दिन है तो आपको shiv chalisa का पाठ रोज करना चाहिए पाठ करने से आपके कई समस्याओं का समाधान आपको बहुत जल्दी मिल जाता है और आपके कई निराशा भरे दिन खत्म हो जाते हैं तो अब हम shiv chalisa का पाठ करते है

शिव चालीसा हिंदी में

shive chalisa in hindi pdf file download

।।दोहा।।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

 

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

॥दोहा॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥

मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

 

shiv chalisa का पाठ करने के लिए कुछ खास समय भी होता है जिसको आपको हम बताने जा रहे हैं

सबसे पहले आप सुबह जल्दी उठे और उठ कर स्नान करें और साफ कपड़े पहने उसके बाद अपने पवित्र मन से शिव चालीसा का पाठ पढ़ने के लिए तैयार हो जाए पूरे मन से भगवान shiv chalisa पाठ करें

शिव चालीसा का पाठ करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में सफेद आसन पर विराजमान हो जाओ उसके बाद उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ अपना मुंह कर ले

भगवान भोलेनाथ की मूर्ति के सामने शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं याद रखना होगा जो भी होगा वह गाय का घी होना चाहिए और आपको सुबह 11 बार शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए

हमारे ऋषि मुनियों का कहना है कि शिव चालीसा का पाठ करके भगवान भोलेनाथ को बहुत जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है

इसलिए जो कुंवारी लड़कियां होती हैं वह सोमवार को व्रत रखती हैं वह सोमवार का व्रत इसलिए रखती हैं ताकि उनको अच्छा बर मिल सके और ऐसा माना जाता है जो लड़की सोलह सोमवार का व्रत रखती है

उसको बहुत अच्छा पर मिलता है उनको अपना मनचाहा बर मिलता है और हमारी माताओं बहनों को सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए क्योंकि शिव चालीसा का पाठ करने से महिलाओं की सेहत और मृत्यु का डर भी नहीं रहता है

आप लोग शिव जी के बारे में पहले से बहुत कुछ जानते होंगे पर आज तक कोई भी भगवान शिव जी को पूरी तरह से नहीं जान पाया है वैसे तो सब जानते हैं कि तीसरे नेत्र का इस्तेमाल भगवान भोलेनाथ केवल क्रोध के समय में ही करते हैं और हमारे ऋषि मुनियों का यह कहना है कि भगवान भोलेनाथ हमारे तीनों लोक में नजर रखते हैं भगवान भोलेनाथ की जो तीसरी आंख होती है वह दिव्य दृष्टि का प्रतीक है

शिव चालीसा हिंदी में स्टोरी

बहुत समय के पहले की बात है जब माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ के पीछे जाकर उनको दोनों आंखें अपनी हाथ से बंद कर दी और जब भगवान भोलेनाथ की दोनों आंखें बंद हो गई तो सारे संसार में अंधकार सा छा गया क्योंकि हमारे ऋषि-मुनियों का कहना है की भगवान भोलेनाथ की एक आंख सूर्य है दूसरी आंख को चंद्रमा माना जाता है और अंधकार होते ही सारे संसार में हाहाकार मच गया

उसी समय भगवान भोलेनाथ ने तुरंत अपने माथे से अग्नि निकालकर पूरे संसार में रोशनी फैला दी रोशनी भोलेनाथ ने इतनी तेज निकाली थी की इससे पूरा हिमालय जलने लगा था और यह देख कर माता पार्वती घबरा गई और तुरंत ही माता पार्वती जी ने भगवान भोलेनाथ की आंखों के ऊपर से अपने दोनों हाथ हटा लिए थे तभी भगवान भोलेनाथ ने थोड़ा मुस्कुराया और अपनी तीसरी आंख को बंद कर लिया ऐसा माना जाता है की माता पार्वती को पता नहीं था कि भगवान भोलेनाथ त्रिनेत्रधारी हैं

भगवान भोलेनाथ को आज तक कोई नहीं जान पाया है हम लोग जितना जल्दी भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर लेते हैं और जब वो रूठ जाते हैं तो उनको कोई भी नहीं बना पाता है भगवान भोलेनाथ बहुत शक्तिशाली हैं और सभी पर अपना साया रखते हैं अगर पूजा करता है तो भी रखते हैं अगर नहीं करता है तो भी रखते हैं

आपने किया सीखा

मैं आशा करता हूं आपको शिव चालीसा की पोस्ट में, जो भी जानकारी दी गई है वह आपको बहुत अच्छी लगी होगी और इसी तरह की और भी महत्वपूर्ण पोस्ट पाने के लिए आप मेरे ब्लॉग को जरूर सब्सक्राइब कर ले आप सभी को पता है भगवान भोलेनाथ बहुत दयालु हैं और सब पर कृपा बरसाते हैं

दोस्तों यह पोस्ट अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करना आपकी सारी मनोकामना जरूर पूरी होंगी ताकि आपके सारे दोस्त फैमिली रिलेशन वाले जो भी समस्याओं का सामना कर रहे हो शिव जी की shiv chalisa का पाठ करके उन समस्याओं का समाधान मिल जाए

आपका दिन शुभ हो !

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